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25- 04 - 22धारावाहिक मकाफात - ए - अमल episode 3



सुबह के 8:30 बज  चुके  थे । जोया के घर  वाले भी  नाश्ते से निबट  चुके  थे । और जोया कॉलेज  के लिए  घर  से निकलने लगी ।

"रुको जोया " अशफ़ाक़  ने उसे रोकते हुए  कहाँ

"जी अब्बू " जोया ने पूछा



"ये लो किराया तो लेती जाओ रिक्शा का " अशफ़ाक़  ने जेब में से पैसे निकालते हुए  कहाँ।

"अच्छा हुआ अब्बू अपने रोक लिया मैं तो भूल  ही गयी  थी  " जोया ने पैसे लेते हुए  कहाँ.

तभी  उसकी अम्मी उसका टिफिन लाती और उसे देती है ।

"क्या अम्मी? बच्चों की तरह  खाना  बांध  कर  देती हो अब मैं बड़ी  हो गयी  हूँ मुझे  अब इतनी भूख  नही लगती  और अगर  लगती  भी  है  तो कैंटीन  होती है  कॉलेज  में वहा  से कुछ  खा लेती हूँ " ज़ोया ने कहाँ

" बेटा माँ बाप के लिए  बच्चे  कितना ही बड़  जाए छोटे  ही रहते  है , और कैंटीन  का खाना  ख़राब  होता है  पता  नही कैसे बनाते  है  गंदगी से " उसकी माँ ने कहा

"सुना अब्बू कैंटीन  का खाना  ख़राब  होता है , हर  रोज़ सेकड़ो बच्चा  खाता  है  " जोया ने अब्बू की तरफ  देख  कर  कहा 

अशफ़ाक़  हसे  और कहा  " ये तुम माँ बेटी का बीच  है  मैं कुछ  नही बोल सकता  इसमें "


ज़ोया मजबूरन  टिफिन लेकर  बाहर  निकलती और मोबाइल पर  किसी को मैसेज  करती। और दुपट्टे से अपना मुँह पर  धाटा लगाती ।

काफी दूर  जाकर  एक सुनसान जगह  पर  जोया खड़ी  हो जाती और इधर  उधर  देखती  मानो किसी का इंतज़ार  कर  रही  थी। और बार बार मोबाइल में देख कर  मन ही मन कुछ  कहती ।

तभी  एक बाइक ज़ोर से उसके सामने आ  कर  रूकती है और वो डर  जाती है ।


ज़ोया उसे देख  गुस्सा होती और अपना बैग जो उसके कंधे पर  टंगा था  उतार कर  उसके मारती और कहती  " हम्माद के बच्चे  कहाँ मर  गया  था इतनी देर लगा  दी पता  है  कितनी देर से धूप में खड़ी  तेरा इंतज़ार  कर  रही  हूँ।


(आइये  थोड़ा  हम्माद के बारे में समझते  है  हम्माद एक खूबसूरत  अच्छी पर्सनालिटी  का एक लड़का  है  किन्तु वो एक गली  का अवारा लड़का  है  जिसका काम लड़कियों के साथ  फ़्लर्ट करना  और उन्हें अपनी खूबसूरती  के जाल में फसा  कर  घूमना  फिरना है । हम्माद ज़ोया के मोहल्ले में रहता  है  ज़ोया के पिता उसे पसंद  नही करते  है  कहने  को हम्माद उनका दूर  का रिश्तेदार का बेटा है । वो गलत  हरकतों में होने की वजह  से अशफ़ाक़  साहब  उससे कोइ ताल्लुक नही रखते  है ।

लेकिन ज़ोया उससे मोहब्बत  करती  है ।क्यूंकि उसकी पर्सनालिटी उसे बहुत  अच्छी लगती  है  उसके घूँघराले  बाल और हरी  आँखे  है  और उसका रंग  साफ है  gym जाने की वजह  से उसकी बॉडी भी  बहुत  अच्छी है  और वो अक्सर उसे अपनी बाइक पर  बैठा  कर  घुमाने  ले जाता है ।किन्तु हम्माद सिर्फ और सिर्फ फ़्लर्ट कर  रहा  है  उसके साथ  उसने ज़ोया को बोतल  में उतार रखा  है  और उससे शादी  करने  के लारे देता रहता  है ।)


"माफ करना  स्वीटहार्ट वो क्या है  ना दोस्तों ने रोक रखा  था  चाय  के लिए  इसी दौरान समय  का पता  ही नही चला और जब  घड़ी  देखी  और तुम्हारा मैसेज  देखा  तो याद आया  की मेरी जान मेरा इंतज़ार  कर  रही  है तब  मैं दौड़ा चला  आया  " हम्माद ने प्यार भरे  लहजे  में कहाँ

" तुम और तुम्हारे दोस्त सब  एक जैसे हो निकम्मे, हर  वक़्त चाय  की टपरी  पर  बैठे  चाय  पीते  रहते  हो "ज़ोया ने कहा

हम्माद बाइक से उतरा और धीरे  धीरे  ज़ोया के करीब  आया  और अपना हाथ  उसकी कमर  की तरफ  बड़ा  कर  उसे पकड़  कर  अपनी तरफ  खींच  कर  उसकी आँखों  में प्यार से देख  कर  बोला " तो फिर छोड़  क्यू नही देती इस निकम्मे को, क्यू हर  वक़्त इसे प्यार भरे मैसेजस भेज  कर  परेशान  करती  हो "


ज़ोया ने कहा " छोड़  देती अगर  ये दिल इस निकम्मे पर  नही आया  होता, तो कब  का तुझे  छोड़  दिया होता "

"इतना आसान  नही हम्माद शेख  को छोड़ना  लड़किया  मरती है  मुझ  पर  मेरी पर्सनालिटी पर  " हम्माद ने कहा

"छोड़ो  मुझे  कोइ देख  लेगा किसी मोहल्ले वाले ने देख  लिया तो बेवजह  बदनामी  हो जाएगी और मेरा कॉलेज  जाने के बहाने  तुमसे मिलना भी  बंद  हो जाएगा " जोया ने झटपटाते  हुए  कहा

"इतना आसान  नही मेरी बाहो से निकल  पाना जोया अशफ़ाक़ " हम्माद ने कहा और छोड़  दिया।

"क्या बात है  आज  बड़ा  रोमांटिक हो रहे  हो कोइ फ़िल्म देख  कर  आ  रहे  हो " जोया ने पूछा 

"अब क्या करे  पर्सनालिटी  ही ऐसी है  ना चाहते  हुए  भी  रोमांटिक होना पड़ता  है  तुम जैसी खूबसूरत  हसीनाओ  को अपना जादू दिखाने  के लिए  " हम्माद ने कहा

"बहुत  हुआ आज  के लिए  जल्दी से मुझे  कॉलेज  छोड़  कर  आओ  पहले ही बहुत  देर करदी  तुमने " ज़ोया ने कहा

"आज  बहुत  गुस्से में है  मेरी जान, क्या हुआ?" हम्माद ने पूछा  और ज़ोया को बाइक पर  बैठा  कर  चलने  लगा 

"क्या बताऊ कल आपी को कॉलेज की क्लास टीचर मिली थी जिसने बताया  की में फ़ैल  हो गयी  हूँ। और सुबह सुबह ही आपी  ने मेरी क्लास लगा  दी पढ़ाई  को लेकर " ज़ोया ने कहा

हम्माद ज़ोर ज़ोर से हसने  लगा  और कहा इस बार भी  तुम्हारा डिब्बा गुल हो गया 

ज़ोया गुस्से में बोली " ये सब  तुम्हारी वजह  से हुआ तुमसे चोरी  छिपकर मिलने और तुम्हारे साथ  कॉलेज  की क्लास गुल करके  घूमने  जाने की वजह  से नही तो मैं इस बार पास  हो जाती "


हम्माद ये सुन दोबारा हसने  लगा ।


"हम्माद मुझे  अच्छी नही लगती  पढ़ाई  तुम कोइ अच्छा सा काम क्यू नही शुरू  करते  हो और उसके बाद मेरे घर  मेरा हाथ  मांगने आओ  देखना  अब्बू मना  नही करेंगे । मुझे  अब तुम्हारी गर्लफ्रेंड नही बीवी बनना  है  " बाइक पर  पीछे  बेटी ज़ोया ने कहा


हम्माद थोड़ी  देर खामोश  हुआ और सोचने लगा  ये तो गले  ही पडती  जा रही  है । उसके बाद वो बोला " मैं और काम हीरो हूँ मैं, मुझे  मॉडल  बनना  है  ये छोटे  मोटे काम मुझ  पर  नही जचते है । और रही  बात शादी  की वो तो मैं तुझसे  ही करूंगा  चाहे  आज  करू  या कल । अगर  तेरा वो खड़ूस  बाप नही माना तो मैं तुझे  भगा  कर  ले जाऊंगा लेकिन शादी  तुझसे  ही करूंगा ।



पीछे  बैठी  ज़ोया ने हम्माद की कमर  पर  नोचा  और कहाँ " ये मेरे अब्बू को खड़ूस  बोलने के लिए  "


"सॉरी बस  मुँह से निकल  गया  क्या करू  वो मुझे  पसंद  भी  तो नही करते  है  दिल आया  भी  तो दुश्मन  की बेटी पर  " हम्माद ने कहाँ 


"बस बस  कॉलेज  आ  गया रोको गाड़ी आज  क्लास गुल नही करूंगी  तुम्हारी वजह से इस बार फ़ैल  हो गयी  तो अब्बू मोबाइल छीन  लेंगे और घर  बैठा  देंगे " पीछे  बैठी  ज़ोया ने कॉलेज  के गेट  के पास  पहुंच  कर  हम्माद से कहाँ।


"चलो  ना कही  चलते  है , आज  मौसम  भी  कितना रोमांटिक है  " हम्माद ने कहाँ

"क्या खाक  रोमांटिक है  चारो  और तो धूप फैली है और उपर  से हवा  भी  नही चल  रही  है  " ज़ोया ने कहाँ

तभी  हम्माद ने ज़ोर का बाइक में ब्रेक लगाया  जिसकी वजह  से ज़ोया हम्माद की पीठ  से आ  लगी

" हम्माद के बच्चे  कितनी बार मना किया है तुझसे ये ब्रेक मत  मारा कर  कॉलेज  के सामने सारे दोस्त बेवजह  बाते बनाते है  कभी   इन्होने घर  पर  बता  दिया तो बेवजह  की मुसीबत  आ  जाएगी " ज़ोया ने कहाँ गुस्से में


" क्या करू  जब  तक  तुझे  तंग ना करू  तो सुकून  नही मिलता मुझे मोहब्बत  जो करता  हूँ " हम्माद ने कहाँ

"चल झूटा मोहब्बत  करता  तो अब तक  अपनी बीवी बना  कर  घर  ले जाता और कोइ काम काज शुरू  करता  " ज़ोया ने कहाँ

"कर  लेंगे काम भी  कर  लेंगे और शादी  भी  पहले जरा  थोड़ी  तफरी  तो करले  अपनी जवानी  के मजे  तो लेले" हम्माद ने अंगड़ाई  लेते हुए  कहाँ


"चल  अच्छा मैं चलती  हूँ क्लास का समय  हो रहा  है।  मैं मैसेज  कर  दूँगी  तो लेने आ  जना फिर  आइसक्रीम खाने चलेंगे  " ये कह  कर  ज़ोया कॉलेज के अंदर चली  गयी।


हम्माद उसे देखता  रहा  तभी  उसका फ़ोन  बजता  है ।

"कौन है  जो परेशान  कर  रहा  है  " हम्माद ने जेब से फ़ोन  निकालते हुए  कहाँ

"अरे बाप रे अम्मी का फ़ोन  " हम्माद ने चौक  कर  फ़ोन  उठाते  हुए  कहाँ

"जी अम्मी क्या हुआ? कैसे फ़ोन  किया है  " हम्माद ने पूछा 

" नालायक  तेरे अब्बू सुबह  से तेरा पूछ  रहे  है  कहाँ है  तू  " उसकी अम्मी ने कहाँ


" अम्मी कही  नही बस  ज़रूरी काम से आया  था  " हम्माद ने कहाँ

" जहाँ कही  भी  है  जल्दी घर  आजा  तेरे अब्बू को कुछ  काम है  तुझसे  " उसकी माँ ने कहाँ और फ़ोन  रख  दिया

"हम्माद बेटा बहुत  हो गया  फ़्लर्ट अब अपने बाप की डांट खाने को तैयार रहो  " हम्माद ने मन  ही मन  कहते  हुए  बाइक घुमाई  और सीधा  घर  की तरफ  चल  पड़ा ।



वही  दूसरी  तरफ  तबरेज  भी  चाय  से निबट कर  जुनैद  के साथ  दुकान की तरफ  बढ़ता  हे । दोनों बाते करते  हुए  जाते हे .


"यार तबरेज  अब तुम भी  शादी  कर  ही लो कब  तक  यूं कुंवारे रहोगे  अब तो माशाल्लाह तुम अपनी बहनो  की ज़िम्मेदारी से भी  फ़ारिग हो गए  हो और अब तो तुम उस्ताद बन  गए  हो गाड़ियों के " जुनैद  ने कहा

"क्यू तुझसे  मेरी आजादी देखी  नही जा रही  हे  किया? क्यूंकि तू  तो अब शादी  शुदा  हो गया  हे  "तबरेज  ने हस्ते हुए कहाँ


" नही भाई  ऐसा तो कुछ  नही है , बल्कि तुम्हारी भाभी तो बहुत अच्छी हे मेरा और अम्मी अब्बू दोनों का ख्याल रखती हे। घर  जाता हूँ तो उसका चेहरा  देख  कर  खुश  हो जाता हूँ और दिन भर  की सारी थकान  उतर जाती हे। जब  वो अपने हाथ  से लोंग इलायची  की चाय  बना  कर  लाती हे । कपडे  धुले  और इस्त्री किये मिल जाते हे । समय  पर  खाना  मिल जाता हे  और क्या चाहिए  " जुनैद  ने अपनी बीवी की तारीफ  करते  हुए  कहा


" अच्छी बात हे  तुम दोनों के बीच  प्यार मोहब्बत  देख  कर  अच्छा लगा  " तबरेज  ने कहा

" हाँ बस  एक आद बच्चा  हो जाए तो मेरा परिवार  भी मुकम्मल  हो जाएगा 5 साल हो गए  हे  शादी  को लेकिन अब तक कोइ उम्मीद नही दिखाई दी हे , रिपोर्ट भी  सही  आती  हे  दोनों की " जुनैद  ने उदास चेहरे  से कहा

तबरेज ने उसके कंधे  पर  हाथ  रख  कर उसे हौसला देते हुए  कहा " जब  सब  कुछ  ठीक  तो देखना  एक दिन तुम भी  बाप  बन  जाओगे बस  खुदा  पर  भरोसा  रखो  उसके घर  देर हे  अंधेर  नही। अब देखों राबिया की भी  शादी  रख  गयी देर से ही सही लेकिन  वो भी  अपने घर की हो जाएगी। इसी तरह  देखना  एक दिन तुम्हारे यहाँ भी  औलाद  हो जाएगी परेशान  मत  हो "


"ठीक  कहाँ तुमने मेरे भाई , जितनी देर हे  उतनी खेर( अच्छा ) हे, अच्छा तुमने बात बदल  दी मेने तुमसे शादी  का पूछा  था  " जुनैद  ने दोबारा से वही  पूछा 


"यार जुनैद  तुझे  तो पता  ही हे  घर के हालातो का सब  कुछ  तेरे सामने ही गुज़रा था , मैं सोच  रहा हूँ दो तीन  काम हे  उन्हें और मुकम्मल  कर  दू  जैसे अम्मी के घुटनो  का मुकम्मल  इलाज, शादी  शुदा  वाले भाई  को कुछ कारोबार करा  दू  और थोड़ा  बहुत  घर  में काम करा  दू । उसके बाद देखता  हूँ शादी के बारे में " तबरेज  ने कहा

" अरे मेरे भाई  ये सब  काम तो शादी  के बाद भी  हो जाएंगे, खाला  का इलाज और भाई  को दुकान तो तू बाद मैं भी  करा  सकता  हे । इसमें कौन सी बड़ी  बात हे , मेरी मान शादी  कर  और अपना परिवार आगे बड़ा, कब तक दूसरों के लिए जीता रहेगा अब थोड़ा बहुत अपने लिए भी जी, ताकि तुझे भी पता चले जिंदगी सिर्फ ज़िम्मेदारियां निभाने का नाम नही बल्कि उसे एन्जॉय करने का नाम भी हे " जुनैद ने कहा


" सोचता  हूँ इस बारे में, मुझे  ऐसी लड़की  चाहिए  जो मेरे घर  और परिवार  को जोड़ कर  रखे  हमेशा  मेरी तरह  हर  ज़िम्मेदारी बखूबी  उठाये। खूबसूरत  नही भी  हो तो चलेगा  लेकिन दिल में उसके सब  के लिए  मोहब्बत  हो। दीनदार हो थोड़ा  बहुत  पढ़ी  लिखी  हो ताकि बच्चों को पढ़ा  सके  " तबरेज ने कहाँ

वो दोनों आपस में बाते करते  हुए  चलते  रहे रास्ते में।


आगे  क्या होगा जानने के लिए  पढ़ते  रहिये  हर  सोमवार मकाफ़ात - ए - अमल  के नए  एपिसोड ।


25/04/22

नॉन स्टॉप 2022 

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12 Comments

Very nicely written

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Sandhya Prakash

26-Apr-2022 10:09 PM

Bahut khoob

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Reyaan

26-Apr-2022 04:03 PM

Very nice

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